प्यार के रंग के सामने...
प्यार के रंग के सामने...
तुम्हारे मेरे लिए रंगों की होली कैसी?
जब हमारे दिल पहले ही
इश्क़ के रंगों में सराबोर हैं,
तो गुलाल उड़ाना एक बहाना सा लगता है।
लाल, पीला, हरा, गुलाबी—
ये सब तो दुनिया के मेले के रंग हैं,
पर जो रंग तुम्हारी आँखों में दिखता है,
वो किसी भी होली से गहरा है।
तेरी हँसी की गुलाबी छाया,
तेरे स्पर्श का सिंदूरी एहसास,
तेरी सांसों की गीली महक,
इन सबसे बढ़कर कौन सा रंग खास?
जब मेरी बाहों में समा जाओगी,
तो कौन सा अबीर और कौन सा गुलाल?
प्यार के रंग के सामने,
बिल्कुल बेमानी है रंगों की होली!
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