कितना पैसा चाहिए?....
पैसा चाहिए जीने के लिए
और कितना पैसा चाहिए?
बस इतना ही
कि मैं भूखा न रहूँ,
शरीर ढकने को कपड़ा मिल जाए,
कुछ किताबें ख़रीद लूँ,
कुछ क़लम और काग़ज़ ले आऊँ,
और स्याही से काग़ज़ रंग दूँ।
क्या पैसे से
काम का संतोष ख़रीदा जा सकता है?
मैंने शायद ही किसी लेखक को करोड़पति देखा हो।
हर चीज़
पैसे के लिए नहीं की जाती,
आत्म-संतोष भी कोई चीज़ होती है।
किसी के लिए
ये समय की बर्बादी हो सकती है,
किसी के लिए मूर्खता।
कुछ लोगों के लिए
ज़िंदगी का मतलब ही पैसा कमाना है,
हर चीज़
सिर्फ़ कमाई का ज़रिया।
पर सबके लिए
ये सच नहीं होता...
रुपेश रंजन
Nice one♥️♥️
ReplyDeleteThank u
Deleteआपकी कविताए काफि अच्छी होती है सर
ReplyDeleteThank u
Deletebahut accha likha apne bhaijee
ReplyDeleteThank u
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