तुम जाना तो ऐसे जाना —



तुम जाना तो ऐसे जाना —
जैसे सुबह की पहली किरण
छूकर चली जाती है धरती को,
पर छोड़ जाती है उजास।

जैसे परिंदे उड़ते हैं
नए आसमान की तलाश में,
पर लौट आते हैं
घोंसले की याद में।

जैसे सावन की फुहारें
छू जाती हैं मन को,
पर हरियाली छोड़ जाती हैं
हर सूनी राह में।

तुम जाना तो ऐसे जाना —
जैसे कोई लौटने का वादा हो,
जैसे बिछड़ना बस
कुछ लम्हों की दूरी हो।


— रचना: ©️रुपेश रंजन

Comments

  1. Wow♥️♥️ Heart touching lines

    ReplyDelete

Post a Comment