जब लोग छोड़ कर चले जाते हैं: समय की लहरों पर भरोसा रखिए



🌊 जब लोग छोड़ कर चले जाते हैं: समय की लहरों पर भरोसा रखिए
लेखक: रूपेश रंजन

ज़िंदगी एक गहरा समुंदर है — और इसमें रिश्ते लहरों की तरह आते हैं, जाते हैं, और कुछ देर ठहर कर हमें कुछ सिखा जाते हैं।
अपने अनुभव से मैं यह कह सकता हूँ कि घबराने की कोई ज़रूरत नहीं होती।
जो जाना चाहता है, वो चला जाएगा… बिना शोर किए, बिना बताए।

हर रिश्ता एक समय के लिए होता है।
कुछ लोग हमारे जीवन में आते हैं, एक मक़सद के साथ। जब वो मक़सद पूरा हो जाता है, तो वो अपने रास्ते चल देते हैं।
हम जितना भी उन्हें रोकना चाहें, वो रुकते नहीं। और अगर जबरदस्ती रोकें, तो रिश्ता टूटता नहीं — बिखर जाता है।

इसलिए बेहतर है कि हम बहाव के साथ चलना सीखें।
एक गया, तो दूसरा भी कभी जाएगा।
और कोई नया भी आएगा — ये जीवन की सच्चाई है।

जब कोई दूर हो रहा हो, तो चीखने-चिल्लाने, ताना मारने या बदतमीज़ी करने का कोई फायदा नहीं।
बल्कि शांति से इंतज़ार कीजिए।
समय का जादू धीमे-धीमे अपना असर दिखाता है।

हम अक्सर सोचते हैं कि "क्यों गया?", "मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ?", लेकिन कई बार इसका जवाब हमारे पास नहीं होता।
और ज़रूरत भी नहीं है।
ज़रूरत है तो बस इस भरोसे की — कि जो भी हो रहा है, वो हमें बेहतर बनाने के लिए हो रहा है।

जब एक रिश्ता ख़त्म होता है, तो लगेगा जैसे सब कुछ टूट गया। लेकिन कुछ समय बाद जब आप पीछे मुड़कर देखेंगे, तो समझ आएगा कि वो अंत नहीं था, एक नया आरंभ था।

इसलिए मैं यही कहूँगा:
बदतमीज़ मत बनिए, हालात से मत लड़िए।
बस इंतज़ार कीजिए… और भरोसा रखिए —
समय की लहर ज़रूर करवट लेती है।




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