Trubute to Qateel Shifai..



थकी है रात की चुप्पी, सितारों तुम भी सो जाओ
बुझी-बुझी सी लगती है, उजालों तुम भी खो जाओ।

ये आँखें जागती हैं अब, किसी की राह तकती हैं,
मगर तुम पर तो बंधी नहीं, इरादों तुम भी सो जाओ।

यहाँ दिलों पे बोझ है, यहाँ ख़्वाबों पे पहरा है,
ये गहरी बेकरारी है, इशारों तुम भी सो जाओ।

न हमको चैन आता है, न आँखों में कोई नींद है,
मगर तुम पर ये बात क्या, नज़ारों तुम भी सो जाओ।

जो मिलने आए थे हमसे, वो रस्ते ही भुला बैठे,
ये हार अब हमारी है, उम्मीदें तुम भी सो जाओ।

हम भी थक कर गिरेंगे फिर, उसी ख़ामोश रस्ते पर,
बस कुछ दर्द बाकी है, सितारों तुम भी सो जाओ|


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