तेरे रूठ जाने से...
तेरे रूठ जाने से
तेरे चुप हो जाने से,
दुनिया तो वैसी ही चलती रहती है,
पर किसी के दिल की धड़कन
धीरे-धीरे टूटने लगती है।
तेरे चुप हो जाने से,
चाँद तो हर रात निकलता है,
मगर किसी की आँखों का उजाला
धीरे-धीरे बुझने लगता है।
तेरे रूठ जाने से,
हवा अब भी चलती है,
पर किसी के लिए साँस लेना
भारी सा लगने लगता है।
तेरे दूर जाने से,
राहें अब भी सजती हैं,
पर किसी के कदम
अपनी मंज़िल भूल जाते हैं।
तू लाख ख़फ़ा सही,
पर इतना तो देख,
तेरी खामोशी ने
किसी को रोने पर मजबूर कर दिया है।
तेरे एक अल्फ़ाज़ की कमी ने
किसी के दिल को खाली कर दिया है,
तेरी मुस्कान के बग़ैर
किसी की हँसी अधूरी हो गई है।
तेरे रूठ जाने से
सिर्फ़ तूने नहीं,
किसी और ने भी
अपना आपा खो दिया है।
तू सोचता है
तेरी चुप्पी तुझे बचा लेगी,
पर ये चुप्पी किसी और को
तन्हाई में डुबो देती है।
तेरे लौट आने की उम्मीद में
कोई हर रोज़ दरवाज़े तक जाता है,
पर हर बार ख़ाली रास्तों से
दिल और भी खाली हो जाता है।
तेरे एक छोटे से बहाने की चाहत में
किसी का पूरा दिन बीत जाता है,
तेरे "कैसे हो?" पूछ लेने भर से
किसी की रातें चैन से कट जातीं।
मत सोच कि तेरा ख़ामोश रहना
बस तेरा फ़ैसला है,
ये चुप्पी किसी और की
ज़िंदगी का बोझ बन गई है।
तेरे रूठ जाने से
किसी की दुनिया सूनी हो गई,
तेरे न बोलने से
किसी का दिल टूटा सा रह गया।
तो अगर हो सके,
बस एक बार मुस्कुरा कर देख,
तेरी मुस्कान से किसी का ग़म
सदा के लिए मिट सकता है।
तेरी एक झलक से
किसी की धड़कनें फिर से जी सकती हैं,
तेरे "मैं मान गया" कह देने से
किसी की दुनिया सँवर सकती है।
रूपेश रंजन
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