मैं पैसों वाला अच्छा हूँ...
मैं पैसों वाला अच्छा हूँ
– रूपेश रंजन
मैंने पैसों से थोड़ा प्यार ख़रीदा,
थोड़ी वफ़ा, थोड़ी दोस्ती भी।
जो न ख़रीद पाया,
वो शायद इसलिए...
क्योंकि मैंने खर्च ही नहीं किया।
ज़िन्दगी कितनी आसान थी —
ये पैसे आने के बाद समझ आया।
जो चाहा,
खर्च किया और ख़रीद लिया।
जो नहीं चाहा,
उसे छुआ तक नहीं।
मैं तो तब भी वही था,
जो आज हूँ।
शायद पहले थोड़ा बेहतर था,
बस पैसों वाला नहीं था।
अब…
मैं "पैसों वाला अच्छा" हूँ।
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