बुला लेना
बुला लेना 🌸
जब थक जाओ तुम इस जीवन की दौड़ में,
और लगे कि कहीं कोई अपना नहीं इस भीड़ में,
तो चुपचाप आंखें बंद कर लेना,
मेरे नाम को दिल में पुकार लेना।
जब रात का सन्नाटा तुम्हें डराने लगे,
तन्हाई का साया दिल को सताने लगे,
जब कोई न सुन पाए तुम्हारी खामोशियाँ,
तो मेरी यादों की रौशनी जगा लेना।
जब खुशी के रंग फीके लगने लगें,
और भीड़ में भी कदम थमने लगें,
तो हंसते हुए पल याद कर लेना,
और फिर मुझे बुला लेना।
जब आंसू चुपचाप गालों पर बहने लगें,
दर्द के बादल बरसने लगें,
कोई कांधा ना मिले सर रखने को,
तो मेरी यादों का सहारा ले लेना।
जब किसी गीत की धुन दिल को रुला दे,
किसी ग़ज़ल का शेर दिल को तन्हा बना दे,
तो उन लफ्ज़ों के बीच मेरा नाम खोजना,
और मुझे पास बुला लेना।
जब कदम डगमगाने लगें राहों में,
और मंज़िल धुंधली लगे निगाहों में,
तो हिम्मत हार मत जाना कभी,
बस मेरी दुआओं को बुला लेना।
जब भीड़ में कोई अपना सा न दिखे,
और चेहरों में कोई सच्चा चेहरा न मिले,
तो आईने में देखकर मुस्कुरा लेना,
क्योंकि वहां मेरी छवि पाओगे।
जब खामोशी बोझ बन जाए दिल पर,
और शब्द गुम हो जाएं होंठों पर,
तो हवा की सरसराहट में मेरा नाम लेना,
और मुझे पास बुला लेना।
जब सपनों के महल टूटकर बिखर जाएं,
और हकीकत के पत्थर दिल को चोट पहुंचाएं,
तो टूटे टुकड़ों को जोड़ने मत बैठना,
बस मुझे याद कर लेना।
जब लगे कि कोई तुमसे सच्चा नहीं,
कोई दिल से तुम्हारे पास खड़ा नहीं,
तो उस पल सोचना ज़रा ठहर कर,
कि सबसे ज्यादा मैंने ही चाहा है।
जब दीप बुझने लगे अंधेरी रातों में,
और उम्मीद की लौ थम जाए हवाओं में,
तो अपने मन की प्रार्थनाओं में,
मेरा नाम ज़रा गुनगुना लेना।
जब ज़िंदगी बोझ लगे कंधों पर,
और मुसाफिर थक जाए राहों पर,
तो एक दुआ की तरह मुझे बुला लेना,
और चैन पा लेना।
जब लगे दुनिया ने भुला दिया तुम्हें,
और रिश्तों ने रुला दिया तुम्हें,
तो अपने दिल के गहरे कोनों में देखना,
मैं अब भी वहीं मिल जाऊंगा।
जब कभी सोचो कि कौन है तुम्हारा,
कौन है जो हर पल बने सहारा,
तो बिना झिझक मेरा नाम लेना,
और मुझे पास बुला लेना।
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