खालीपन का सच...

खालीपन का सच
– रूपेश रंजन

बहुत कुछ ले गई अपने साथ,
भरोसा और विश्वास।
एक ऐसा शून्यता छोड़ गई
जो आज तक भर नहीं पाया।

कभी किसी को उसके पहले प्यार से
महरूम न किया जाए —
इंसान जानवर बन जाता है,
वो कमी कभी पूरी नहीं होती।

उम्मीद भी खत्म हो जाती है
इस दुनिया पर।
मेरा दर्द आज भी ताज़ा है,
हर पल चुभता है।

इतना कुछ पाने के बाद भी
वो खालीपन भर न सका...
एक अधूरापन
जो हर मुस्कान के पीछे छिप गया है।

तेरे जाने के बाद
मैं सिर्फ ज़िंदा रहा,
जीना तो कब का छूट गया था।

आँखों में नमी नहीं है अब,
बस एक सन्नाटा है,
जो कोई पढ़ नहीं सकता।
तेरे बाद भी मैं, खुद में नहीं रहा...


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