कोई बोलता है....
कोई बोलता है,
हम सुनते हैं।
वह गालियाँ देता है,
हम फिर भी सुनते हैं,
क्योंकि भूल जाना जानते हैं।
हम लिखते हैं,
पर कोई सुनता नहीं,
कोई पढ़ता भी नहीं।
फिर भी हम गालियाँ नहीं लिखते,
क्योंकि लिखा हुआ कभी मिट नहीं सकता।
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मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ,
आज मैं कुछ नहीं हूँ।
मैं जानता हूँ,
कल भी शायद
कुछ नहीं रहूँगा।
पर एक कदम
आगे बढ़ा रहूँगा,
और वही काफ़ी है
मेरे लिए।
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सफ़र
उन राहों पर चलो
जो तुम्हें पुकार रही हैं।
तुम पाओगे कि
हर मोड़ पर
नई कहानियाँ जन्म लेती हैं।
उन लोगों से मिलो
जो मुस्कुराकर
तुम्हें अपनाना चाहते हैं।
तुम जानोगे कि
यह संसार
प्यार से भरा हुआ है।
और जब थक जाओ
तो ठहर कर देखना,
आसमान भी
तुम्हारा इंतज़ार करता है।
♥️♥️
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