पुस्तक समीक्षा: "रूह की आवाज़"

पुस्तक समीक्षा: "रूह की आवाज़" – कवि रूपेश रंजन की आत्मा से संवाद करती कविताएँ... 

"रूह की आवाज़" कवि रूपेश रंजन का एक अद्भुत और संवेदनशील कविता-संग्रह है, जो मनुष्य की भावनाओं, समाज, प्रेम, पीड़ा और जीवन के गहरे अनुभवों को बड़ी सहजता से शब्दों में पिरोता है। यह पुस्तक केवल कविताओं का संकलन नहीं, बल्कि एक आत्मीय यात्रा है – जहाँ पाठक कवि के शब्दों के माध्यम से स्वयं की आत्मा से संवाद करता है।

इस संग्रह की विशेषता इसकी सादगी और गहराई है। कवि ने जीवन के छोटे-छोटे प्रसंगों से लेकर व्यापक सामाजिक सरोकारों तक को अपनी कविताओं में अत्यंत ईमानदारी से व्यक्त किया है। कहीं आत्ममंथन है, कहीं प्रश्न हैं, तो कहीं एक मूक करुणा जो सीधे हृदय को स्पर्श करती है।

रूपेश रंजन की कविताओं में मानवीय मूल्यों, समानता, प्रेम और स्वाधीनता की ध्वनि स्पष्ट रूप से सुनाई देती है। उनकी लेखनी में विचार की परिपक्वता और संवेदना का अद्भुत संगम है। यह संग्रह पाठक को ठहरकर सोचने, महसूस करने और जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रेरित करता है।

"रूह की आवाज़" वास्तव में कवि की आत्मा की प्रतिध्वनि है — जो हर संवेदनशील पाठक के भीतर अपनी गूंज छोड़ जाती है। यह पुस्तक हिंदी कविता प्रेमियों के लिए एक अनमोल उपहार है, जो शब्दों के माध्यम से मनुष्य की अंतरात्मा को छूना चाहती है।

⭐ रेटिंग: 5/5
निष्कर्ष: यह संग्रह उन सभी के लिए आवश्यक पठन है जो शब्दों में आत्मा की तलाश करते हैं।

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