मुझे दर्द नहीं होता...

मुझे दर्द नहीं होता
बुरा मत मानो, मैं ऐसा ही बन चुका हूँ,
दुनिया को समझ चुका हूँ, अब सब सह चुका हूँ।
ऐसे ही होता है, ऐसे ही होगा,
किसी को किसी से कोई फर्क नहीं होता।

वक़्त-वक़्त की बात है ये सारा खेल,
कभी तुम जरूरी, कभी मैं अकेले।
कभी मेरी आँखों में तेरी तलाश थी,
आज तेरी आँखों में कोई और पलाश थी।

अब शिकायत भी नहीं, अब उम्मीद भी नहीं,
खुद से ही बातें हैं, भीड़ में तन्हाई सी कहीं।
मुझे दर्द नहीं होता… सच कहूँ तो अब आदत सी है,
जो गया, वो मेरा था… यही बस राहत सी है।
 

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