अमेरिका द्वारा 250 डॉलर का नया ‘वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क’ — भारत सहित कई देशों के यात्रियों पर असर
अमेरिका द्वारा 250 डॉलर का नया ‘वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क’ — भारत सहित कई देशों के यात्रियों पर असर
प्रस्तावना
हाल ही में यह ख़बर चर्चा में है कि अमेरिका सरकार 250 डॉलर का अतिरिक्त ‘वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क’ (जिसे कई जगह पर्यटक शुल्क भी कहा जा रहा है) लगाने की तैयारी कर रही है। यह शुल्क उन देशों पर लागू होगा जो अमेरिका के वीज़ा वेवर प्रोग्राम में शामिल नहीं हैं—जैसे भारत, चीन, ब्राज़ील, मेक्सिको आदि। यह रकम मौजूदा वीज़ा शुल्क के ऊपर देनी होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह व्यवस्था 1 अक्टूबर 2025 से शुरू हो सकती है। हालांकि अभी भी तारीख़ और लागू होने के तरीक़े को लेकर अलग-अलग ख़बरें आ रही हैं।
अब तक जो पक्की बातें सामने आई हैं
- नया शुल्क ‘वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क’ कहलाएगा – यह शुल्क मौजूदा वीज़ा फीस से अलग होगा।
- वीज़ा वेवर प्रोग्राम वाले देशों पर लागू नहीं – यूरोपीय देशों व कुछ एशियाई देशों के नागरिकों को छूट रहेगी।
- पर्यटन के अलावा अन्य वीज़ा पर भी असर – छात्र, कामकाज या बिज़नेस वीज़ा पर भी यह अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।
- पुरानी फीस के ऊपर नई रकम – मौजूदा वीज़ा आवेदन शुल्क + 250 डॉलर अतिरिक्त।
- रिफंड की संभावना लेकिन शर्तों के साथ – कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि समय पर लौटने या नियम पालन करने वालों को पैसा वापस मिल सकता है।
- तारीख़ को लेकर अनिश्चितता – कुछ जगह अक्टूबर 2025 लिखा है तो कहीं 2026 की शुरुआत बताई जा रही है।
यह कदम क्यों उठाया जा रहा है
- वीज़ा नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए – सरकार चाहती है कि लोग वीज़ा की समयसीमा का उल्लंघन न करें।
- प्रशासनिक लागत की भरपाई – जांच, निगरानी और वीज़ा प्रसंस्करण की लागत बढ़ने पर सरकार अतिरिक्त शुल्क से राजस्व जुटाना चाहती है।
- सख़्त इमिग्रेशन नीति का संकेत – पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका में वीज़ा नियम सख़्त किए जा रहे हैं।
भारत और भारतीय यात्रियों पर असर
आर्थिक बोझ
पहले से ही अमेरिकी वीज़ा शुल्क काफ़ी अधिक है। 250 डॉलर और जोड़ने से कुल खर्च कई लोगों के लिए दुगुना हो सकता है।
पर्यटन व छात्र संख्या में गिरावट
ट्रैवल एजेंसियों और विश्वविद्यालयों को आशंका है कि पर्यटक, छात्र और छोटे कारोबारी इस वजह से अमेरिका जाने में झिझकेंगे।
पढ़ाई, नौकरी व कारोबार पर असर
अमेरिका में पढ़ाई या काम करने जाने वाले युवाओं के लिए यह शुल्क अतिरिक्त बाधा बन सकता है। आईटी कंपनियों और अन्य उद्योगों को भी अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजने पर अधिक लागत उठानी पड़ सकती है।
कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध
भारत और अमेरिका के बीच लोगों की आवाजाही पर असर से दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर भी अप्रत्यक्ष दबाव पड़ सकता है।
आलोचनाएँ और चुनौतियाँ
- रोलआउट की अस्पष्टता – कब और कैसे लागू होगा, अभी साफ़ नहीं।
- रिफंड की प्रक्रिया – नियम कठिन होने के कारण शायद ही अधिक लोग पैसा वापस ले पाएँ।
- पर्यटन को नुकसान – शुल्क बढ़ने से अमेरिकी पर्यटन उद्योग को भी यात्रियों की कमी झेलनी पड़ सकती है।
- दूसरे देशों की प्रतिक्रिया – प्रभावित देश भी बदले में अमेरिकी नागरिकों पर शुल्क बढ़ा सकते हैं।
भारतीय यात्रियों के लिए सुझाव
- जल्दी आवेदन करें – यदि संभव हो तो नई फीस लागू होने से पहले वीज़ा के लिए अप्लाई करें।
- आधिकारिक वेबसाइट देखते रहें – अमेरिकी दूतावास और विदेश विभाग के नोटिस नियमित चेक करें।
- बजट में अतिरिक्त राशि जोड़ें – यात्रा की योजना बनाते समय 250 डॉलर या उसके बराबर रुपये को भी जोड़ें।
- अन्य विकल्प सोचें – यदि अमेरिका महंगा हो जाए तो पढ़ाई या छुट्टियों के लिए अन्य देशों पर भी विचार करें।
- नियमों का पालन करें – समय पर लौटें, वीज़ा शर्तों का उल्लंघन न करें ताकि भविष्य में समस्या न आए।
निष्कर्ष
अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 250 डॉलर का ‘वीज़ा इंटीग्रिटी शुल्क’ वैश्विक आवाजाही पर बड़ा असर डाल सकता है। इससे न केवल पर्यटक, बल्कि छात्र और व्यवसायिक यात्री भी प्रभावित होंगे। अभी लागू होने की तारीख़ और नियमों को लेकर अस्पष्टता है, इसलिए यात्रियों को सतर्क रहना और आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लेना बेहद ज़रूरी है।
यह नीति आने वाले महीनों में स्पष्ट होगी, मगर इसके संकेत बताते हैं कि अमेरिका अपनी वीज़ा व्यवस्था को और कड़ा और महंगा बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। भारतीय यात्रियों को अभी से तैयारी करनी चाहिए ताकि समय और धन दोनों की बचत हो सके।
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