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इंतज़ार मत किया कर

भींग जाती है आखें मेरी

मत कहो मुझसे ऐसी बात कि छोड़ के चला जाऊंगा तुम्हें

वक़्त लगता है वक़्त बदलने में

इसलिए भी लिखता हूँ

हदें थी

खत्म हो जाता है प्यार उनका

उसे मैं अब भी याद हूं

मैं नए घर को आया

और सूरज आएगा नहीं

शायद वो तुमसे बेहतर होगा|

आज भी है वही लड़ाई

रामा रामा

तेरा तसव्वुर हूँ मैं

क्या फ़साना है इस दुनिया का