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"मारा दौर महफ़िल-ए-हयात में"

"पल रहे ज़ख़्म पहलगाम के"... Pahalgaam attacks

The Greatest Crime A Poem by Rupesh Ranjan

The 4Hs in Global Politics: Hezbollah, Hamas, Houthis, and Hurriyat...

मुझे बोलने का मन कर रहा है...

काम भी करना होता है...

The First Suffering...

पहला कष्ट...

मानव का अंतिम लक्ष्य...

मैं तो माँगूँगा भीख वासना के लिए...

System is for common people...

प्रेम और भिक्षा...

खून की स्याही से मत लिखो...

Ink of the Fallen...

तुमने मुझे नहीं कुछ भी देकर, बहुत कुछ दे दिया, मेरे दाता...