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My Raw Opinions
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September 03, 2025
मैं मृत्यु हूँ, यह कितना प्रासंगिक है इस बात से अधिक कि मैं जीवन हूँ।
September 03, 2025
हर ज़िम्मेदारियों से थकी-सी मैं लड़की
September 02, 2025
राख क्या रोएगी, राख तो रुलाएगी
September 02, 2025
राख क्या रोएगी, राख तो रुलाएगी(2)
September 02, 2025
राख क्या रोएगी, राख तो रुलाएगी
August 30, 2025
इख़्तिताम में भी सुकूँ है
August 30, 2025
कभी-कभी रिश्ता टूटना भी ज़रूरी होता है
August 27, 2025
बददुआ लगेगी तुझको मेरी...
August 27, 2025
तेरी रूह तक सज़ा पाएगी...
August 27, 2025
तुम क्या समझोगी… दर्द की सच्चाई...
August 27, 2025
तूफ़ान तो बाहर था...
August 27, 2025
कितना कुछ बदल जाता है...
August 24, 2025
उठो, समय तुम्हें पुकार रहा है...
August 24, 2025
उठो, यह युद्ध पुकारता है
August 24, 2025
आरम्भ है प्रचण्ड
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