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काश तुम चाहो

बुला लेना

बुला लेना

शायद यूँ ही चलेगा

तेरे रूठ जाने से...

अगर इश्क़ है मुझसे

वो ख़्वाब भी, हक़ीक़त भी

तुम हो मेरे पास, पर फिर भी दूर

हम सच में नंगे हैं...

“भेड़िए घात लगाकर बैठे हैं।”

“भेड़िए कौन हैं?” ?क्या हम भेड़िए हैं?

कविता : "अभी सफ़र बाक़ी है"

कविता – मन की उलझनें...

आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश : एक संतुलित दृष्टिकोण

Supreme Court Order on Stray Dogs: A Balanced Perspective