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मुझे बसंत बनना था, संसार ने मुझे ठंडा बना दिया...

जब चाहो शांति, युद्ध को हो तैयार...

बसंत पंचमी का उत्सव🙏🙏🙏

बंसत पंचमी और निज़ामुद्दीन औलिया-अमीर खुसरो...

बसंत पंचमी का मधुर पर्व🙏🙏🙏

बिना तुम्हें छुए ही तुम्हारा एहसास कर लेता हूँ, इसलिए तो हर रोज़ तुम्हारे लिए लिखता हूँ।

"बिना तुम्हें छुए ही तुम्हारा स्पर्श कर लेता हूँ, इसलिए तो तुम्हारे लिए लिखता हूँ..."

माँ से मिलना था।

अगर गुलाब से मेरा संवाद हो पाता....

बोलना तो पड़ेगा ही...

मैं सही ही करूँगा...

तुम मेरे रास्ते के साथी क्यों नहीं बन जाते...

वक़्त के परिंदे हैं हम...

Happy Republic Day...

प्रेम का स्वाभाविक स्वरूप...