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अगर प्रेम का अर्थ केवल विवाह है...

"सबसे बड़े बिज़ी"...

मेरी प्रकृति है प्रेम करना...

संसर का कठोर सत्य...

प्रेम ही मेरी प्रकृति है...

प्रेम संग जीना, प्रेम संग मरना...

प्रेम की स्थिरता...

निरर्थकता का सुकून...

सुनहरा राज़...

मेरा पति परदेस गया है...

जीने की वजह..

कितना दर्द है..

माँ से कहा मैंने...

मेरे पास कलम और पन्ने हैं।

इसलिए चाय पी रहा था...