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तुम्हारे लिए.....

तुम्हारे लिए...

जीवन का सत्य...

तुम बहुत सुंदर हो...

मैं बनना चाहता हूँ महाभारत का कर्ण...

अगर प्रेम का अर्थ केवल विवाह है...

"सबसे बड़े बिज़ी"...

मेरी प्रकृति है प्रेम करना...

संसर का कठोर सत्य...

प्रेम ही मेरी प्रकृति है...

प्रेम संग जीना, प्रेम संग मरना...

प्रेम की स्थिरता...

निरर्थकता का सुकून...

सुनहरा राज़...

मेरा पति परदेस गया है...