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माँ से मिलना था।

अगर गुलाब से मेरा संवाद हो पाता....

बोलना तो पड़ेगा ही...

मैं सही ही करूँगा...

तुम मेरे रास्ते के साथी क्यों नहीं बन जाते...

वक़्त के परिंदे हैं हम...

Happy Republic Day...

प्रेम का स्वाभाविक स्वरूप...

ज़िंदगी के हर अंधेरे में रोशनी...

मेरे लिए रात का चाँद तो तुम..

मेरा मुक्ति गीत...

खुद सो जाती है मुझे जगा हुआ छोड़ के

मुझे कुछ नहीं चाहिए ज़िंदगी में...

तुम्हें मरना होगा फिर से जन्म लेने के लिए।

यह पल तुम्हें क्यों जवाब देगा...