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मुझे किसी से डर नहीं लगता...

मैं ही ब्रह्मा हूँ...

मैं ही ब्रह्म हूँ...

जीतूंगा तो मैं ही, चाहे दुनिया के ख़त्म होने के बाद ही।

मैं उच्च वर्ग का हूँ...

मैं दो कदम आगे बढ़ा, मैं दो कदम पीछे आ गया।...

मुझे बसंत बनना था, संसार ने मुझे ठंडा बना दिया...

जब चाहो शांति, युद्ध को हो तैयार...

बसंत पंचमी का उत्सव🙏🙏🙏

बंसत पंचमी और निज़ामुद्दीन औलिया-अमीर खुसरो...

बसंत पंचमी का मधुर पर्व🙏🙏🙏

बिना तुम्हें छुए ही तुम्हारा एहसास कर लेता हूँ, इसलिए तो हर रोज़ तुम्हारे लिए लिखता हूँ।

"बिना तुम्हें छुए ही तुम्हारा स्पर्श कर लेता हूँ, इसलिए तो तुम्हारे लिए लिखता हूँ..."

माँ से मिलना था।

अगर गुलाब से मेरा संवाद हो पाता....