Posts

नज़रें...

निर्भरता का भार...

पत्नी का प्रेमिका हो जाना...

नदी को पता है...

बहाव और ठहराव...

अद्भुत है ये दुनिया...

नदी से बिछड़े पानी जैसे हैं...

निस्वार्थ सेवा का अमृत...

तुम्हारे लिए.....

तुम्हारे लिए...

जीवन का सत्य...

तुम बहुत सुंदर हो...

मैं बनना चाहता हूँ महाभारत का कर्ण...

अगर प्रेम का अर्थ केवल विवाह है...

"सबसे बड़े बिज़ी"...