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Showing posts from August, 2025

इख़्तिताम में भी सुकूँ है

कभी-कभी रिश्ता टूटना भी ज़रूरी होता है

बददुआ लगेगी तुझको मेरी...

तेरी रूह तक सज़ा पाएगी...

तुम क्या समझोगी… दर्द की सच्चाई...

तूफ़ान तो बाहर था...

कितना कुछ बदल जाता है...

उठो, समय तुम्हें पुकार रहा है...

उठो, यह युद्ध पुकारता है

आरम्भ है प्रचण्ड

बिहार की 7 माँगें प्रधानमंत्री से : नागरिक एजेंडा 2025

Bihar’s 7 Demands to the Prime Minister: A Citizens’ Agenda for 2025

भारत के प्रमुख ‘स्टैच्यू’ : भारत की सांस्कृतिक विरासत और गौरव

Major Statues of India: Symbols of Heritage, Culture, and Inspiration

क्या गांधीजी भगत सिंह को बचा सकते थे?

Could Gandhi Save Bhagat Singh?

130वाँ संविधान संशोधन विधेयक : महिला आरक्षण और उससे जुड़ी आलोचनाएँ

The 130th Constitutional Amendment Bill: A Crossroads for Indian Democracy

भारत विभाजन 1947 : राजनीतिक अपरिपक्वता की त्रासदी

Political Immaturity and the Partition of India in 1947

Contract Workers’ Struggle in Bihar: We Demand Rights, Not Charity!

संविदा कर्मियों का संघर्ष: हक़ चाहिए, भीख नहीं!

विभाजन के शहीदों की स्मृति (1947)

Remembering the Martyrs of Partition (1947)

मैं सोचता हूँ अक्सर....

ज़िंदगी और न्याय का प्रश्न

जिंदगी और न्याय का सवाल

धर्म और मानवता ...

इसलिए धन्यवाद देना ही होगा—

एक आत्मा (अनन्त सत्य) और दूसरा मन (क्षणिक अहं)— आपस में वार्तालाप कर रहे...

यदि मेरे अंत से सब कुछ समाप्त हो सकता है...

अगर मुझे मार देने से सब कुछ समाप्त हो जाएगा

तुझे पा रहा हूँ, या तुझे खो रहा हूँ....

ज़ंजीर-ए-ग़ुलामी को चूर-चूर कर दें।

जिस दिन मिलूँगा, सूद समेत वापिस लूँगा...

तुम जानते हो?

अलविदा

आरज़ू – एक नज़्म

प्यार यानी इंतज़ार

सुभाषचंद्र बोस और महात्मा गांधी : विचारों का अंतर, सम्मान का सामंजस्य