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Showing posts from January, 2025

अगर गुलाब से मेरा संवाद हो पाता....

बोलना तो पड़ेगा ही...

मैं सही ही करूँगा...

तुम मेरे रास्ते के साथी क्यों नहीं बन जाते...

वक़्त के परिंदे हैं हम...

Happy Republic Day...

प्रेम का स्वाभाविक स्वरूप...

ज़िंदगी के हर अंधेरे में रोशनी...

मेरे लिए रात का चाँद तो तुम..

मेरा मुक्ति गीत...

खुद सो जाती है मुझे जगा हुआ छोड़ के

मुझे कुछ नहीं चाहिए ज़िंदगी में...

तुम्हें मरना होगा फिर से जन्म लेने के लिए।

यह पल तुम्हें क्यों जवाब देगा...

"मेरा नहीं होना था तो बता देती, इतनी जल्दी शादी क्यों कर ली?"...

कितना समझते हैं स्त्री को पुरुष, उनके देह के परे..

कितना समझते हैं स्त्री को पुरुष, उनके देह के परे...

कितना समझते हैं स्त्री को पुरुष...

I love u❤

पता नहीं क्यों तुमसे इतना प्यार करता हूं...

मुझे जो चाहिए वो तुमसे मिला...

धोखा मत देना...

तुम्हारे एहसास का जादू...

जब पहली बार तुम्हें छुआ...

स्पर्श था वो जैसे हल्की हवा...

दे दो वह महक जिसके सहारे जी लूं ये जिंदगी..

कैसे भूल जाऊँ हमारी पहली मुलाकात...

कैसे भूलूँ वो तुम्हारा पहला स्पर्श...

कैसे भूलूँ वो तुम्हारा पहला स्पर्श...

वो महक आज भी याद है..

तुम्हारे साथ गुज़ारे हुए लम्हे...

तुम्हारे साथ गुज़रे लम्हों की मिठास...

तुम्हारे साथ गुज़रे हुए वक़्त...

"वो मोड़, वो यादें"...

"वही शहर, वही मैं"...

"मैं वही हूँ उसी शहर में"...

क्या ही पाना है तुम्हें जो तुम मर के पा लोगे...

मुझे पिता नहीं बनना...

मुझे जाने दो...

मुझे लगाव नहीं चाहिए...

मैं तो मर जाऊंगा एक दिन...

I am a lone artist...

चुप्पियां बढ़ती जा रही हैं...

Time Moves On...

समय बढ़ता है...

जीवन का क्रम चलता रहता है...

नववर्ष का अभिनंदन...